लहू में भीगी हुई आस्तीन जीत गई
चुनाव हार गए सब मशीन जीत गई
बनके एक हादसा बाज़ार में आ जाएगा
जो नहीं होगा वह अख़बार में आ जाएगा
चोर उचक्कों की करो कद्र
मालूम नहीं कौन कब कौनसी सरकार में आ जाएगा
नयी दुकानों के चक्कर से निकल जा
वरना घर का सामान भी बाजार में आ जाएगा
रख देगा झंकझोर के तुझे, तूफानों का घोर है डेरा,
भंवर से डर जो हार मान ले, काहे का फिर जोर है तेरा,
है दिल में रौशनी तेरे, तू चीर डाल सब घेरे,
लहरों की गर्दन कसके डाल फंदे रे,
कि दरिया बोले वाह रे पंथी,
सर आँखों पे नाव है तेरी