On this day, February 1st, a trailblazing astronaut whose space exploration journey left an indelible mark. That astronaut was the brave daughter of our nation, Kalpana Chawla. Explore the remarkable life and enduring legacy of Kalpana Chawla. Her story is one of resilience, inspiration, and the pursuit of dreams. Dive into the full blog for a deeper insight. Also know about getting tickets for the space shuttle to the Satlok which is the actual home of souls.
#KalpanaChawla #kalpanachawladeathanniversary #kalpanachawladeath
Art by MORNCOLOUR
Whirlpool Galaxy M51a was the very first galaxy classified as a spiral galaxy.
Northern lights from the International Space Station
First Full Moon of 2024 l Rami Ammoun
l This image is composited of two images: the January full wolf moon disc in 2024 and the background taken in Sept. 2023
Cold Moon: Last Full Moon of 2023 © astronycc
Watch Special Video on Shradh
Visit our YouTube Channel Factful Debates
Sant Rampal Ji Maharaj
Sunrise reflection.
Nagano, Japan.
Mt. Rainier National Park, USA by Emilie Hofferber
instagram | farmgirlsk
© 𝖡𝗈𝖻 𝖱𝖺𝖽𝗅𝗂𝗇𝗌𝗄𝗂
सत का सौदा जो करै, दम्भ छल छिद्र त्यागै। अपने भाग का धन लहै, परधन विष सम लागै।। भावार्थ:- अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिए, जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए। परधन को विष के समान समझें।
कबीर, न्याय धर्मयुक्त कर्म सब करैं, न कर ना कबहू अन्याय। जो अन्यायी पुरूष हैं, बन्धे यमपुर जाऐं।। भावार्थ:- सदा न्याययुक्त कर्म करने चाहिऐं। कभी भी अन्याय नहीं करना चाहिए। जो अन्याय करते हैं, वे यमराज के लोक में नरक में जाते हैं।
㋡🥀
Oldest Recorded Supernova (NASA, Chandra, Spitzer, 10/26/11) by NASA's Marshall Space Flight Center
Starbirth with a chance of winds? by NASA Hubble Space Telescope
㋡🥀
कबीर, कछु कटें सत्संग ते, कछु नाम के जाप। कछु संत के दर्शते, कछु दान प्रताप।। भावार्थ:- भक्त के पाप कई धार्मिक क्रियाओं से समाप्त होते हैं। कुछ सत्संग-वचन सुनने से ज्ञान यज्ञ के कारण, कुछ नाम के जाप से, कुछ संत के दर्शन करने से तथा कुछ दान के प्रभाव से समाप्त होते हैं। जैसे वस्त्र पहनते हैं। मिट्टी-धूल लगने से मैले होते हैं। उनको पानी-साबुन से धोया जाता है। इसी प्रकार नित्य कार्य में पाप लगना स्वाभाविक है। इसी प्रकार वस्त्र की तरह सत्संग वचन, नाम स्मरण, दान व संत दर्शन रूपी साबुन-पानी से नित्य धोने से आत्मा निर्मल रहती है। भक्ति में मन लगा रहता है।
Just a timelapse.
कबीर, गृह कारण में पाप बहु, नित लागै सुन लोय। ताहिते दान अवश्य है, दूर ताहिते होय।। कबीर, चक्की चौंकै चूल्ह में, झाड़ू अरू जलपान। गृह आश्रमी को नित्य यह, पाप पाँचै विधि जान।। भावार्थ:- गृहस्थी को चक्की से आटा पीसने में, खाना बनाने में चूल्हे में अग्नि जलाई जाती है। चौंका अर्थात् स्थान लीपने में तथा झाड़ू लगाने तथा खाने तथा पीने में पाँच प्रकार से पाप लगते हैं। हे संसारी लोगो! सुनो! इन कारणों से आपको नित पाप लगते हैं। इसलिए दान करना आवश्यक है। ये पाप दान करने से ही नाश होंगे।
कबीर, जो धन पाय न धर्म करत, नाहीं सद् व्यौहार। सो प्रभु के चोर हैं, फिरते मारो मार।। भावार्थ:- जो धन परमात्मा ने मानव को दिया है, उसमें से जो दान नहीं करते और न अच्छा आचरण करते हैं, वे परमात्मा के चोर हैं जो माया जोड़ने की धुन में मारे-मारे फिरते हैं। संत गरीबदास जी ने भी कहा है कि:- जिन हर की चोरी करी और गए राम गुण भूल। ते विधना बागुल किए, रहे ऊर्ध मुख झूल।। यही प्रमाण गीता अध्याय 3 श्लोक 10 से 13 में कहा है कि जो धर्म-कर्म नहीं करते, जो परमात्मा द्वारा दिए धन से दान आदि धर्म कार्य नहीं करते, वे तो चोर हैं। वे तो अपना शरीर पोषण के लिए ही अन्न पकाते हैं। धर्म में नहीं लगाते, वे तो पाप ही खाते हैं।
"बच्चों को शिक्षा अवश्य दिलानी चाहिए" कबीर, मात पिता सो शत्रु हैं, बाल पढ़ावैं नाहिं। हंसन में बगुला यथा, तथा अनपढ़ सो पंडित माहीं।। भावार्थ:- जो माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं, वे अपने बच्चों के शत्रु हैं। अशिक्षित व्यक्ति शिक्षित व्यक्तियों में ऐसा होता है जैसे हंस पक्षियों में बगुला। यहाँ पढ़ाने का तात्पर्य धार्मिक ज्ञान कराने से है, सत्संग आदि सुनने से है।
"Turn The TV OFF!!! 🤔
कबीर, पहले अपने धर्म को, भली भांति सिखलाय। अन्य धर्म की सीख सुनि, भटकि बाल बुद्धि जाय।। भावार्थ:- बच्चों को या परिवार के अन्य सदस्यों को पहले अपने धर्म का ज्ञान पूर्ण रूप से कराना चाहिए। जिनको अपने धर्म यानि धार्मिक क्रियाओं का ज्ञान नहीं, वह बालक जैसी बुद्धि का होता है। वे अन्य धर्म पंथ की शिक्षा सुनकर भटक जाते हैं। जिनको अपने धर्म (पंथ) का सम्पूर्ण ज्ञान है, वह भ्रमित नहीं होता।
Night Wings~
Turning the day into the night, the sun into the moon
Part of my translucent wings series
कबीर, जो कछु धन का लाभ हो, शुद्ध कमाई कीन। ता धन के दशवें अंश को, अपने गुरू को दीन।। दसवां अंश गुरू को दीजै। अपना जन्म सफल कर लीजै।। भावार्थ:- शुद्ध नेक कमाई से जो लाभ होता है, उसका दसवां भाग अपने गुरूदेव को दान करना चाहिए।